ऐसा भी तो कर सकती है सरकार

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ए आर आज़ाद

दूरदर्शन पर रामायण व महाभारत दिखाने के बजाय हिंदू धर्म के चारो वेद और उपनिषद की जानकारी दूरदर्शन पर प्रदान की जा सकती है। धर्म के शिखर पुरुष के जरिए प्रथम वेद ऋग्वेद से इसके अनुवाद, भावार्थ और उसकी व्याख्या सहित समझाने की कोशिश की जानी चाहिए।

दूरदर्शन पर धर्म को वास्तविक रूप में पेश करने की कोशिश करनी चाहिए। हिंदू धर्म और मंदिर आस्था व पूजा के विभिन्न स्वरूपों को बेहतरीन प्रस्तुति के जरिए समझाने की कोशिश भी की जानी चाहिए।

दुख निवारण और इस तरह की महामारी में धर्म शास्त्र में किन श्लोकों के माध्यम से इसके बचाव का रास्ता बताया गया है, उसकी भी जानकारी लोगों को दी जानी चाहिए। और यह बताने, समझाने की कोशिश की जानी चाहिए कि इन श्लोंकों के पाठ से इस तरह की बीमारियों से बचा और बचाया जा सकता है।

दूरदर्शन ही नहीं विभिन्न निजी चैनलों में भी दो घंटे का समय जनहित और देशहित में बिना किसी शुल्क के प्रसारण का दायित्व सौंपा जाना चाहिए। और इस समय में सर्वधर्म सदभावना और सर्वधर्म संदेश प्रसारित किए जाने चाहिए। या फिर आधे-आधे घंटे का स्लॉट बांटकर हर धर्म के शिखर पुरुष के जरिए उस धर्म की रौशनी में जनसंदेश पहुंचाने की कोशिश की जानी चाहिए।