पीटकर जयश्रीराम बोलवाने की फैक्ट्री चला रहे हैं योगी आदित्यनाथ!

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रिक्शा चालक की पत्नी ने तो आरोप लगाया है कि ये लोग उनकी 14 साल की बेटी के साए आए दिन छेड़खानी भी करते थे। और धर्म परिवर्तन का भी दबाव डालते थे। लेकिन पुलिस ने जबररन धर्म परिवर्तन करने के दबाव का मामला एफआईआर में नहीं दर्ज किया।

प्रेम से नहीं पीटकर जयश्रीराम बोलवाने का फैक्ट्री चला रहे हैं योगी आदित्यनाथ? यह सवाल इसलिए खड़ा होता है क्योंकि जबरन किसी को श्रीराम बोलने के लिए बाध्य करना धर्म नहीं है। और अगर वह श्रीराम जब उस शख्श से जबरन बोलवाने की कोशिश करता हो जिसकी रूचि ही हिंदू धर्म में नहीं है तो यह अपने आप में एक अपराध के साथ-साथ सुनियोजित आतंक भी है। तो क्या यूपी में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गुंडे के जरिए मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर उत्तर प्रदेश में रहना है तो श्रीराम कहना होगा। दरअसल उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव मुहाने पर है। और योगी आदित्यनाथ को पता है कि उनका क्या होने वाला है! इसलिए हार के jडर के साए में इस तरह की गतिविधयों को संचालित होने से रोक नहीं पाना, यह सब उनकी कमजोरी और या फिर रणनीति की ही एक कड़ी कही जा सकती है।

ऐसा इसलिए कहा जा सकता है कि इल्जाम है कि असरार अहमद को पीटने वालों में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बीजेपी विधायक महेश त्रिवेदी के बेटे भी शामिल थे। लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज की तो अज्ञात के खिलाफ। लेकिन जब वीडियो वायरल हुआ और हंगामा खड़ा हुआ तो अज्ञात लोगों के साथ तीन नामजद अभियुक्तों के नाम भी एफआईआर में दर्ज किए गए। और 12 जुलाई को देर शाम तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन के बाद अगले ही दिन तीनों अभियुक्तों को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
गौरतलब है कि वायरल वीडियो में रिक्शा चालक की कम उम्र की बच्ची अपने पिता को छोड़ देने की मिन्नत करते हुए नजर आ रही है। लेकिन किसी का कलेजा उस बच्ची की आरजू पर नहीं पिघला।
विधायक महेश त्रिवेदी के बेट शुभम त्रिवेदी खुद को बेगुनाह बताते हुए तर्क देते हैं कि वे मौके पर मौजूद जरूर थे लेकिन मारपीट में शामिल नहीं थे। उन्होंने तर्क में कहा कि मैं अपने क्षेत्र के दौरे पर था। तब मुझे घटना की जानकारी मिली। मैंने पुलिस को सूचना दी और घटना स्थल पर पहुंचने को कहा और मैं मैं भी घटना स्थल पर पहुंचा। मैंने निष्पक्ष जांच की मांग की है। दोषी के खिलाफ सख्त कारर्वाई हो।

रिक्शा चालक की पत्नी ने तो आरोप लगाया है कि ये लोग उनकी 14 साल की बेटी के साए आए दिन छेड़खानी भी करते थे। और धर्म परिवर्तन का भी दबाव डालते थे। लेकिन पुलिस ने जबररन धर्म परिवर्तन करने के दबाव का मामला एफआईआर में नहीं दर्ज किया।