जितिन प्रसाद को कांग्रेस ने क्या नहीं दिया जो बीजेपी दे देगी?

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ए आर आज़ाद

जितिन प्रसाद इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। जितिन प्रसाद 9 जून,2021 तक कांग्रेस के लीडर कहलाते थे। और 9 जून से से आज की तारीख तक वो बीजेपी नेता कहलाने लगे है। अब सवाल उठता है कि जितिन प्रसाद को कांग्रेस ने क्या नहीं दिया जो बीजेपी उन्हें दे देगी? उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के अब के बीजेपी नेता जितिन प्रसाद के लिए इन बातों को समझना बेहद जरूरी है कि बीजेपी उन्हें वो नहीं दे सकेगी, जो कांग्रेस ने उन्हें दिया है।

खैर यह उनका मामला है। लेकिन देश की जनता के लिए यह जानना जरूरी है कि 47 साल के युवा नेता जितिन प्रसाद को कांग्रेस ने युवा चेहरा बनाकर जिस तरह से उनका कद ऊंचा किया, वह उनके लिए गौरव की बात है। और कांग्रेस के इस कदम से देश के युवाओं में उत्साह भी बढ़ा था। और यही वजह थी कि देश के युवाओं में राजनीति को लेकर एक जोश और उनमें चार्मिंग जगी थी।

कांग्रेस ने आज से 13 साल पहले ही केंद्र में उन्हें मंत्री बना दिया था। लगभग 34 साल का युवा केंद्र में मंत्री बन गया था। जितिन प्रसाद को 2008 में इस्पात मंत्रालय मिला था। और अगले साल ही उन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय दिया गया। यानी 2009 में उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय को भी सुशोभित किया। दो साल बाद फिर उनका पोर्टफोलियो बदला। उन्हें 2011 में सड़क परिवहन मंत्रालय मिला। और देश का चौथे नंबर का मंत्रालय भी उन्हें 2012 में प्रदान किया गया। यानी 2012 में उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय की बागडोर सौंप दी गई।

जिस दल ने उन्हें इतना कुछ दिया। उसे मुसीबत के समय छोड़ना कहीं से किसी भी नेता के सिद्धांतवादी होने का कोई प्रमाण नहीं हो सकता है। स्वार्थ की भी अपनी सीमा होती है। जिस स्वार्थ को लेकर वो बीजेपी में गए हैं। उनका स्वार्थ कितना सधेगा कहना मुश्किल है। क्योंकि हमारी बात को समझने के लिए मुकुल रॉय के संदर्भ पर एक बार जितिन प्रसाद को एक बार गौर जरूर कर लेना चाहिए। बीजेपी किसी भी हाल में उन्हें वह कुछ नहीं दे सकती है, जो कांग्रेस ने उन्हें तश्तरी में पेशकर के सम्मानजनक रूप में दिया था।