अगर जनता पर जुर्माना तो सरकार पर क्यों नहीं?

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ए आर आज़ाद

जरा देखिए यूपी सरकार इलाहाबाद के 26 अप्रैल तक पांच जिलों में पूर्ण लॉक लाउन लगाने के फैसले को ही चुनौती दे रही है। उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रही है। और दूसरी तरफ जनता को मास्क के नाम पर उसका दोहन कर रही है। उन्होंने इस दोहन से अरबों रुपए कमाने जो नीति बनाई है, उसे आप तुगलकी फरमान नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? योगी सरकार ने बिना मास्क पहने नागरिकों को पकड़ने पर पहली पार में एक हजार जुर्माना वसुलने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। और दूसरी बार मास्क न पहने जाने पर वह राशि दस गुणा कर दी है। यानी जो भी यूपी का नागिरक बिना मास्क का दोबारा पकड़ा जाएगा उससे दस हजार जुर्माना वसूला जाएगा। और जुर्माना देने वाले लोगों के फोटो भी खींचकर सार्वजनिक किए जाएंगे। यानी उनसे भारी-भरकम जुर्माना भी वसूल किया जाएगा। और उनके फोटो सार्वजनिक कर उसे सार्वजनिक तौर पर अपमानित होने के लिए भी छोड़ दिया जाएगा। वाह री! रामराज्य की दुहाई देने वाली सरकार?

योगी सरकार को इतना मालूम भी है कि लोग जेब में एक हजार या दस हजार लेकर चलते हैं या नहीं चलते हैं? कैसे वसूलेंगे गरीबों से जुर्माना? कहां से वह लाकर देगा, आपको दस हजार? आप दीवा स्वप्न देखते हैं। आपको अपने ही सूबे का ज्ञान नहीं है कि एक गरीब सूबे में किसी भी मजदूर को दस हजार महीने की नौकरी नहीं मिलती है। किसी निजी शिक्षण संस्थान या उद्योग में दस हजार सैलरी नहीं होती है। और वह आपको मास्क न लगाने के लिए दस हजार रुपए देने के लिए बैठा हुआ है। आप खौफ दिखाना चाहते हैं, तो खौफ की भी एक सीमा होती है। खौफ का भी एक पैमाना होता है। जब आप मास्क न पहनने पर जुर्माना कर सकते हैं तो आप जनता की अपेक्षाओं पर नहीं खरे उतरते हैं तो आप पर भी जुर्माना होना चाहिए? आप कोरोना के लिए एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद हॉस्पीटल का इंतजाम नहीं कर सके। तो इसलिए आप पर कितना जुर्माना होना चाहिए। आपने कोई नए अस्पताल नहीं खोलें तो इसपर आप पर कितना जुर्माना होना चाहिए? आपने बेडों की संख्या नहीं बढाई तो आप पर कितने जुर्माना होने चाहिए? आपने ऑक्सीजन वाले बेड के इंतजाम नहीं किए तो इसके लिए आप पर कितने जुर्माना होने चाहिए। आपके ही दौर में तो ऑक्सीजन की कमी के कारण हॉस्पीटल में कितनी नन्हीं जान चली गई। और आप उससे भी सबक नहीं ले पाएं। इस आपके उपेक्षापूर्ण शासन चलाने के लिए आप पर कितने का जुर्माना होना चाहिए?

योगी जी सारा जुर्माना क्या जनता के लिए है। आपको जनता से वोट चाहिए। जनता से नोट चाहिए? और आपसे जनता को कुछ नहीं चाहिए। यानी आप जनता के प्रति जिम्मेदार नहीं है? आपकी जनता के प्रति कोई जवाबदही नहीं है? तो फिर इस तरह की सोच के लिए आप पर कितना जुर्माना होना चाहिए? हॉस्पीटल में कोरोना पेंसेंट को जगह नहीं मिलती है, तो इसके लिए आप पर कितना जुर्माना होना चाहिए? ऑक्सीजन वाले बेड की कमी के कारण जनता मरती है तो आप पर कितना जुर्माना होना चाहिए। कुछ ऐसे सवाल और भी हैं जो आप जैसै मोटी चमड़ी वाले राजनेताओं की चमड़ी में ऐसी चूभन पैदा करेगी कि आप तिलमिला उठेंगे।

योगी जी झांसा से सरकार नहीं चलती है। इस  देश की जनता का सिर्फ इम्यूनिटी सिस्टम ही मजबूत नहीं है। उनके इरादे भी मजबूत हैं। इसी जनता के पूर्वजों ने अंग्रेजों के पांव इस जमीं से उखाड़कर फेंक दिए। आपके जमे हुए पांवों को उखाड़कर फेंकने में कितना वक्त लगेगा। इतना ही न सिर्फ एक साल। बस एक साल तक आप तुगलकी फरमान जारी करते रहिए। जनता से लगान वसूलते रहिए। जनता आपसे हर जुर्माना वसूलेगी। वह समय जनता के हाथ भी लगने वाला है। फिर आप हाथ मलते रह जाइएगा। इसलिए अभी भी वक्त है। जनता के नब्ज को पकड़िए। उन्हें सुविधा दीजिए। जिनके रोजगार चले गए हैं, उन्हें भोजन कैसे मिलेगा? इस पर सोचिए और सबके घरों तक अनाज और जरूरत का सामान पैकेट में भेजने के उपाय कीजिए। ताकि उन्हें बाहर न निकलना पड़ेऔर जब बाहर ही नहीं निकलेंगे तो मास्क पहनने और न पहनने का सवाल ही कहां पैदा होगा?