लेखक के गांव की पाती…

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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

जनपद आगरा के गांव रिहावली में पुनः जनजीवन सामान्य होने लगा है । आपको बता दें कि बीती पन्द्रह अप्रैल, 2021 की तारीख को यहां चुनाव के दौरान भीषण दंगा हुआ था। दंगों के दौरान ही कुछ असामाजिक तत्वों ने प्राथमिक विद्यालय के कमरे की दीवार-जंगला तोड़ कर मतपेटिकाएं लूट लीं थीं। और मतपेटिकाएं उसी रात पुलिस ने बरामद कर ली थीं, उसके बाद पुलिस ने गांव के ही करीब पैंतीस स्त्री-पुरुषों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। बताया जा रहा है कि औरतों के साथ दूध पीते मासूम बच्चे भी सलाखों के पीछे चले गए हैं। पन्द्रह तारीख के बाद गांव में पुलिस की दहशत इतनी फैली कि पूरा गांव खाली हो गया था। इक्कीस अप्रैल तक गांव में चंद बुजुर्ग ही नजर आते थे, वो भी डरे हुए। इक्कीस को पुनः मतदान हुआ, उसके बाद लोगों के दिमाग से पुलिस की दहशत कम हुई ।

हालांकि अधिकांश ग्रामीणों के अंदर पुलिस का खौफ अभी भी बरकरार है। जैसे ही पुलिस से मिलता-जुलता सायरन गांव वाले सुनते हैं तो जंगलों की ओर दौड़ पड़ते हैं।

दुखद बात यह रही कि जनता के प्रतिनिधि विधायक सांसद चाहे वे पूर्व हो या वर्तमान स्थिती का जायजा लेने गांव में एक बार भी नहीं आए। जो चुनाव के समय घर-घर वोटों के लिए गिड़गिड़ाते हैं, वे इस घटना को अनदेखा करके चुप्पी साध गए। इसका कारण आचार संहिता लागू होना कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। लेकिन इस चुप्पी के कारण निर्दोष ग्रामीणों को भयंकर समस्याओं का सामना करना पड़ा ।

समाचार लिखने तक दोनों प्रत्याशी जेल में बंद हैं। और इनके साथ अन्य ग्रामीण भी बंद हैं, जिनमें औरतें व मासूम बच्चे भी शामिल हैं। प्रधान पद चुनाव का परिणाम भी घोषित हो गया है। मलखान सिंह जो लगातार तीन बार पत्नी सहित प्रधानी जीतते आ रहे थे,  वो इस बार चुनाव हार गए हैं और लायक सिंह को ग्रामीणों ने अपना मुखिया चुना है। दु:खद बात यह है कि इस समय दोनों ही प्रत्याशी जेल में बंद हैं।

गांव रिहावली, वही गांव है जहॉं युवा साहित्यकार एवं स्वतंत्र पत्रकार मुकेश कुमार ऋषि वर्मा रहते हैं। ऋषि वर्मा अनवरत देश ही नहीं विदेशों में भी छपते हैं, जिनमें प्रमुख देश हैं अमेरिका, कनाडा, चीन, नेपाल। इनके तीन काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं और पत्रिका- युवा धड़कन के प्रधान संपादक हैं। इन्हें अब तक साहित्य एवं कला के क्षेत्र में काफी सम्मान एवं पुरस्कार देशभर से प्राप्त हो चुके हैं। बेहद दुःख का विषय है कि आज मुकेश कुमार ऋषि वर्मा के गांव रिहावली का नाम काफी बदनाम हो चुका है। सरकारी महकमा गांव का नाम सुनते ही बिदक जाता है और अजीब नजरों से देखना शुरू कर देता है। कहते हैं एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है। आज यही मुहावरा गांव रिहावली में चरितार्थ हो रहा है।

चार-छ: लोगों को छोड़कर पूरा गांव महा बेरोजगार है। पालतू पशुओं से व बाहर मेहनत- मजदूरी करके ही सभी परिवार पाल रहे हैं। खेतीबाड़ी भी किसी के पास कुछ खास नहीं है। पड़ोसी गांवों में मजदूरी करके गुजारा कर रहे हैं।

प्रशासन से अनुरोध है कि देश में कोरोनावायरस बहुत बुरी तरह से फैल गया है। महंगाई डायन आमजन को तिल-तिल मार रही है। भटके हुए व अशिक्षित लोगों को समझाएं न कि मुकदमों की चक्की में पीसें। अगर समय रहते गांव वालों को सही रास्ता दिखाने वाला कोई राजनैतिक नेता या फिर पुलिस प्रशासन का अधिकारी मिल जाए तो गांव रिहावली के लोग भी देश के विकास व राष्ट्र सेवा में अपना योगदान दे सकते हैं। क्योंकि मैंने देखा है, गांव के लोग नेताओं व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को बड़ी इज्जत देते हैं और उनकी हर बात मानते हैं ।

आशा करते हैं प्रशासन गांव रिहावली की ओर कुछ विशेष ध्यान देगा और असामाजिक तत्वों पर अपनी कड़ी नजर रख कर गांव में शांति व्यवस्था कायम कराएगा। वहीं नवनिर्वाचित प्रधान लायक सिंह जी से भी आत्मिक अनुरोध है कि बगैर किसी भेदभाव के संपूर्ण गांव में समान विकास करें। पात्र व्यक्ति चाहे वह किसी भी गुट का रहा हो उसके हिस्से का विकास उस तक अवश्य पहुंचाएं एवं अपने विरोधियों को नजरअंदाज  करके सिर्फ गांव के विकास पर ही ध्यान केंद्रित रखें ।

उम्मीद है, जल्द प्रशासन जेल में बंद प्रधान प्रत्याशियों सहित ग्रामीणजनों को कठोर चेतावनी के साथ मुक्त कर देगा, ताकि पुनः गांव में खुशहाली लौट आए… ।

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

गांव रिहावली, पोस्ट तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा 283111