आखिर चिराग ने क्यों नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया?

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ए आर आज़ाद

लोक जनशक्ति पार्टी में आए तूफान को लेकर सांसद चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को आड़े हाथ लिया। दरअसल लोक जनशक्ति पार्टी यानी एलजेपी एक ताजा सियासी घटनाक्रम में दो ध्रुवों में बंट गई है। एक ध्रुव चिराग पासवान के साथ है, दूसरा ध्रुव चिराग के चाचा पशुपति पारस के साथ है। छह सांसदों वाली एलजेपी में पांच सांसद पारस के साथ हैं। और चिराग पासवान अपने खेमा में बतौर सांसद अकेले हैं।

लोक जनशक्ति पार्र्टी में बगावत के स्वर बुलंद करने का ठिकरा चिराग पासवान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर फोड़ने में जरा भी नहीं हिचक रहे हैं। चिराग पासवान ने बिहार में दलित और महादलित के बीच भेद करने के नीतीश के एजेंडे की भी जमकर आलोचना की। और उन्होंने साफ लहजे में कहा कि राम विलास पासवान यानी मेरे पिता ने दलित और महादलित के बीच कोई भेदभाव नहीं किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सामने न कभी हमारे पिता जी झुके और न कभी मैं ही झुका।

उन्होंने एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी पर अपने मन का उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि  2017 में जब नीतीश कुमार फिर से एनडीए का हिस्सा बने तो इस घटनाक्रम से राम विलास पासवान सहज नहीं थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा रखते हुए नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी को तब स्वीकार किया था।

चिराग पासवान ने साफ लहजे में कहा कि मेरे पिता राम विलास पासवान ने नीतीश कुमार से कभी कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी यानी लोक

जनशक्ति पार्टी  को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन मैं न तो इससे डिगने वाला और न ही डरने वाला हूं। उन्होंने नीतीश कुमार के दलित और महादलित के बंटवारे को राम विलास पासवान की राजनीतिक हत्या की कोशिश बताया। और कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी पर मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है।