सू़फियत की खुशबू से सराबोर हुआ रेशमी शहर भागलपुर

741

खाऩकाह ए पीर दमड़िया के सज्जादानशीं बने शाह फ़खरे हसन

15वें सज्जादानशीं के रूप में ताजपोशी

सूफ़ी कॉन्फ्रेंस में देश के मशहूर दरगाहों के सज्जादानशीं ने की  शिरकत

खानक़ाह पीर दमड़िया के 15वें सज्जादानशीं के तौर पर

शाह हसन की ताजपोशी

सू़फी कॉन्फ्रेंस से प्रेम, एकता और भाईचारे का दिया गया संदेश

 

बिहार का रेशमी शहर भागलपुर दो दिनों तक सूफियत के रंगों में सराबोर दिखा। भागलपुर में मौजूद ख़ाऩकाह ए पीर दमड़िया शाह मार्केट में आयोजित इस सूफी कॉन्फ्रेंस ने देश और दुनिया को एक पै़गाम देने का काम किया। यह पै़गाम था -मानवता सर्वोपरि है। और इंसान और इंसान के बीच भेद का ़खात्मा मौजूदा वक़्त की सबसे बड़ी ज़रूरत है।

इस सूफी महोत्सव में देश भर के मशहूर और चर्चित दरगाहों से पहुंचे ़खादिम, गद्दीनशीं, सज्जादानशीं और उनके प्रतिनिधियों ने एक स्वर में हिंदू-मुस्लिम एकता, सौहार्द और भाईचारा और, गंगा-जमुनी साझा संस्कृति को जीवंत रखने के प्रयास को सफलीभूत करने का अहद लिया। सूफी कॉन्फ्रेंस में देश और दुनिया में अपना एक ़खास मु़काम रखने वाली दरगाह ख़्वाजा ़गरीब नवाज़ अजमेर शरीफ के ़खादिम और गद्दीनशीं सैयद सरवर चिश्ती ने अपनी शिरकत से रेशमी शहर को रुहानियत और सूफियत की डोर में बांधते हुए सबको भेदभाव को छोड़कर एक हो जाने का पै़गाम दिया। उन्होंने कहा कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द ़कायम रहना चाहिए क्योंकि ख़्वाजा ़गरीब नवाज़ ने भाईचारे का पै़गाम दिया और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि दरगाहों से हमेशा आपसी भाईचारे और मिल्लत का पै़गाम मिलता है। लेकिन आज मज़हब और ज़ात-पात की सियासत कर देश को कमज़ोर किया जा रहा है। देश को बनाने और बचाने के लिए सभी धर्म और सभी जातियों के लोगों को एकजुटता दिखानी होगी। उन्होंने ख़ाऩकाह ए पीर दमड़िया के इस कार्यक्रम की प्रशंसा भी की और ख़ाऩकाह ए पीर दमड़िया के नायब सज्जादानशीं सैयद शाह ़फ़खरे आलम हसन की 15वें सज्जादानशीं के रूप में हुई ताजपोशी के मौ़के पर उन्होंने उन्हें पगड़ी बांधकर अजमेर शरी़फ दरगाह की निसबत अता कर दी। और ़खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि इस ़खाऩकाह ने हमेशा आपसी एकता और भाईचारे का पै़गाम दिया है।

ख़ाऩकाह ए पीर दमड़िया के मौजूदा सज्जादानशीं सैयद शाह हसन मानी ने अपने मुबारक हाथों से पगड़ी बांधकर और फिर अपने गले से लगाकर अपने तमाम सिलसिले की इजाज़त व ़िखला़फत अपने उत्तराधिकारी सैयद शाह ़फ़खरे हसन को प्रदान की।

इस मौ़के पर दस्तारबंदी कार्यक्रम में मौजूद सैयद अहमद शहीद कटौली, लखनऊ के  सज्जादानशीं सैयद सलमान हुसैन नदवी ने भी उनकी दस्तारबंदी की। और उन्हें अपने तमाम सिलसिले की इजाज़त व ़िखला़फत प्रदान की। इस मौ़के पर अपने संबोधन में मानवता कल्याण बोर्ड के संस्थापक, इस्लामिक स्कॉलर और सैयद अहमद शहीद कटौली, लखनऊ के सज्जादानशीं सैयद सलमान हुसैनी नदवी ने अपने ओजस्वीपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक संबोधन के ज़रिए इस सू़फी सम्मेलन को सफल कर दिया। देश भर से आए हुए सू़िफयों एवं बुद्धिजीवियों के बीच सू़िफज़्म, दरगाह, ़खाऩकाह और उनकी भूमिकाओं पर ज़बरदस्त विवेचना करते हुए मौजूद लोगों के बीच ज्ञान धारा की गंगा बहा दी। उन्होंने कहा कि सू़िफयों का जीवन हमेशा से मानवता को समर्पित रहा है। समाज को इबादत में लगे रहने और बंदों की ़िखदमत की प्रेरणा यहीं से मिलती रही है। सलमान हुसैनी नदवी ने कहा कि सू़िफयों ने हमारे प्यारे देश को हमेशा प्रेम  और सदभावना की डोर में बांधे रखा। उन्होंने कहा कि दरगाहों और ़खाऩकाहों की परंपरा, रवायत, रिवाज़ और चलन को आज आम करने की ज़रूरत है, जिससे समाज ऩफरत को छोड़कर प्रेम की डोर में बंधता चला जाए। और प्यार की, अपनेपन की, एकता की, मिल्लत की, मुहब्बत की खुशबू फिज़ाओं में गूंज जाए। और, देश में अमन व अमान ़कायम हो जाए।

इस सू़फी महोत्सव में पहुंचे रुदौली के सज्जादानशीं सैयद नैयर, खाऩकाह ए मुनीमी मितन घाट पटना के सैयद शमीम उद्दीन मुनीमी, ़खाऩकाह ए चिश्तिया रूदौली शरी़फ के शाह अम्मार अहमद, खाऩकाह बिहार शरी़फ के शाह सै़फुद्दीन फिरदौसी, बिहार वक़़्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशाद उल्लाह, लखनऊ के पूर्व सूचना आयुक्त मोहम्मद उस्मान ने एक स्वर में इस तरह के कार्यक्रम के लिए आयोजक शाह फ़खरे हसन की जमकर तारी़फ की और कहा कि आज देश में जिस तरह से ऩफरत का माहौल दिख रहा है, उस माहौल को बदलकर इंसानियत का रंग भरने के लिए इस तरह के आयोजनों और चर्चे की बेहद ज़रूरत है।

इस मौ़के पर मौजूद केंद्रीय वक़़्फ बोर्ड कौंसिल के सचिव ए एस ऩकवी ने अपने संबोधन में ज्ञान हासिल करने का आह्वाण किया। उन्होंने देश भर के मुसलमानों से इल्म हासिल करने की अपील की और कहा कि इल्म से ही किसी भी समाज को बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने इस ़खाऩकाह और वक़़्फ सैयद इनायत हुसैन,वक़़्फ-159 की तारी़फ करते हुए कहा कि मैंने इसकी ़खूबियों को देखकर ही एक्सीलेंस अवार्ड से नवाज़ा था।

इस दो दिवसीय सू़फी कॉन्फ्रेंस में एक सत्र जश्न ए विलादत ए हज़रत मौला अली विषय पर कें द्रित रहा। इस सत्र में मौजूद वक्ताओं ने हज़रत अली की ज़िंदगी पर रौशनी डालते हुए उन्हें अपने लिए प्रेरक बताया और कहा कि दुनिया में जितने भी सूफिया सिलसिले हैं, उसमें त़करीबन 99 फीसद सिलसिला हज़रत अली से जाकर मिलता है।

एक शाम जश्न ए मौला अली कार्यक्रम के तहत हज़रत मौैला अली का अमामा और हज़रत हसन और हज़रत हुसैन के कदमों के निशानों की ज़ियारत भी कराई गई। इस मौ़के पर इस्लाम धर्म के प्रर्वतक हुज़ूर के पंजों के निशान की भी ज़ियारत कराई गई।

़गौरतलब है कि अपने अध्यक्षीय भाषण में ख़ाऩकाह ए पीर दमड़िया के मौजूदा सज्जादानशीं सैयद शाह हसन मानी ने सू़िफज़्म और अध्यात्म पर संक्षिप्त बयान करते हुए ़खाऩकाहों और दरगाहों की ़िखदमतों से लोगों को रूबरू कराया। और, उन्होंने इस मौ़के पर आजीज़ी के साथ सबके लिए दुआएं भी की।

अपनी ताजपोशी के बाद सैयद शाह ़फ़खरे आलम ने अपनी ़खुशी का इज़हार करते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए बेहद मुबारक और मुसर्रत भरा है। हमें आज इतने बुज़ुर्गों की निसबत मिली है। मैं अल्लाह से दुआ करता हूं् कि इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी को खैर-़खूबी के साथ हमें निभाने की तौ़फी़क अता ़फरमाए, जिससे मैं देश व समाज के लिए कुछ कर सकूं।

कार्यक्रम की शुरूआत कुरआन ए पाक की तिलावत से हुई। सैयद युसूफ हुसैनी नदवी ने तिलावत की। और, नातिया कलाम सैयद हस्साम ने पेश किया। सज्जादानशीं बनने के बाद ख़ाऩकाह ए पीर दमड़िया 15वें सज्जादानशीं सैयद शाह फख़रे आलम हसन को लोगों ने बधाई व मुबारकवाद देने का जो सिलसिला शुरू किया, वह जारी है। शाह मार्केट के दुकानदारों ने फ़खरे हसन का अभिनंदन किया। मुबारकवाद देने वालों में राजा वेज वानी, महेंद्र, इलियास, गणेश शुक्ला, निरंजन, चुन्ना भाई, पप्पू बैट्री, लल्लू मास्टर और साजिद डॉबी जैसे सैकड़ों लोग शामिल थे।ा

रिपोर्ट: दूसरा मत ब्यूरो