Tag: प्रेम अर्पित करो
प्रेम अर्पित करो
शाश्वत कृष्णा
क्रोध, लोभ, मोहवश
मन में न हो कोई हवस,
पुण्य तुम अर्जित करो
प्रेम को अर्पित करो।
कलियुग का ये विस्तार है
वक़्त की पुकार है,
दुष्टों की ललकार...