बेगूसराय-खगड़िया निकाय चुनाव

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  • विधान पार्षद बनने की ललक में दावेदारों की लंबी कतार
  • विधानसभा में पराजित नेताओं की टिकी नज़र
  • सत्ता-विपक्ष में हलचल तेज़
  • मौजूदा पार्षद की राह आसान नहीं

बिहार विधान सभा चुनाव के परिणाम आने और सरकार गठन के बाद अब विधान परिषद के लिए निकाय चुनाव तथा पूरे राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आहट से हलचल तेज़ हो गई है। सियासी गलियारे में विधानसभा चुनाव लड़कर पराजित हुए नेताओं की एक बड़ी जमात विधान परिषद और ज़िला परिषद चुनाव लड़ने को बेताब हैं। पांच वर्षों तक बेरोेज़गारी का दंश कोई भी नहीं झेलता है। हालात तो यह है कि नेताओं ने मुफीद सीटों की खोजबीन शुरू कर दी है। विधान परिषद के लिए निकाय तथा पंचायत चुनाव 2021 के मार्च व अप्रैल में होना है। इसका प्रशासनिक संकेत भी मिल रहा है। चुनाव बैलेट से हो या ईवीएम से, इसपर भी गंभीर मंथन चल रहा है।

ज़िला में सर्वाधिक चर्चा विधान परिषद के लिए बेगूसराय-खगड़िया निकाय चुनाव को लेकर है। यहां से भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके युवा नेता रजनीश कुमार विधान पार्षद हैं, जो अपने प्रतिद्वंदी से कड़ी टक्कर में दूसरी बार भी जीत हासिल करने में कामयाब रहे। बीते विधान परिषद चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंदी डॉ. संजीव कुमार सिंह अब जेडीयू के टिकट पर परवत्ता से विधायक बन चुके हैं। इस सीट पर एनडीए प्रत्याशी के रूप में रजनीश कुमार सिंह का लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि रजनीश कुमार ने बेगूसराय लोकसभा तथा बछवाड़ा विधानसभा चुनाव लड़ने की प्रबल इच्छा रखकर भीतरी दावेदारी पेश की थी। लेकिन इस मामले में सफलता नहीं मिली।

बेगूसराय लोकसभा में ज़िला से बाहरी तथा बछवाड़ा विधानसभा में क्षेत्र से बाहरी उम्मीदवार को भाजपा ने टिकट थमाया, जो जीत हासिल करने में कामयाब रहे। बेगूसराय-खगड़िया सीट पर अब दिग्गजों की नज़र जा टिकी है। इस सीट पर ़िकस्मत आज़माने के लिए जिन नामों की चर्चा है, उनमें- पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह, पूर्व विधान पार्षद उषा साहनी, पूर्व विधायक रामानंद राम, पूर्व विधान पार्षद राम बदन राय तथा खगड़िया की पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती कृष्णा यादव के नाम शामिल हैं। इतना ही नहीं ज़िला राजनीति के धुरंधर नेता राम लखन सिंह, रालोसपा के सुदर्शन सिंह, भाजपा नेता व पूर्व मुखिया संजीव सिंह, भाजपा सहकारिता मंच के पूर्व अध्यक्ष नवीन कुमार, पूर्व मुखिया व पै़गाम ए अमन कमिटी के ज़िलाध्यक्ष मो. अहसन, लोजपा नेता सुरेंद्र विवेक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मुखिया राम रिझन हजारी उर्फ रामू जी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह अधिवक्ता डॉ. रजनीश कुमार, कांग्रेस नेता मो. क़मर अंसारी और मटिहानी व्यापार मंडल अध्यक्ष विजय प्रकाश पप्पू भी इस दौड़ में शामिल हैं।

खगड़िया ज़िला से आने वाली प्रदेश नेत्री प्रो. सुहैली मेहता भी जुगाड़ बैठाने में जुटी हैं। राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि विधान पार्षद रजनीश कुमार की राह तीसरी द़फा के चुनाव में आसान नहीं होगी। विपक्ष से ज़्यादा सत्ता पक्ष के घटक दलों के नेता ही उन्हें चौतऱफा घेरने की तैयारी में चौसर बिछा रहे हैं। पिछली बार भी उन्होंने का़फी कम वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। पेशे से चार्टर एकाउंटेंट रजनीश कुमार भी समय के हिसाब से समीकरण बैठाने में माहिर माने जाते हैं और उन्होंने इसका अभ्यास प्रारंभ भी कर दिया है। इस चुनाव के दावेदार नेताओं की जमात ने भी कदमताल शुरू कर दी है।

नए साल के आने पर चुनावी तस्वीर और भी साफ नज़र आएगी, जिसपर सभी की निगाहें टिकी हैं।