तमिलनाडु सत्ता परिवर्तन की ओर

566

ए आर आज़ाद

पांच राज्यों में से चार राज्यों में 6 अप्रैल को मतदान के साथ चुनाव संपन्न हो गया। जिन चार राज्यों में मतदान संपन्न हो गए उनमें असम, करेल, पुडुचेरी और तमिलनाडु शामिल है। तमिलनाडु में तकरीबन 65.11 फीसदी वोटिंग हुई। इस वोटिंग में कई बड़े नेताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। कोरोना पॉजिटिव डीएमके सांसद कनिमोझी ने पीपीई किट पहनकर मतदान किया। दरअसल चुनाव आयोग ने अपने एक आदेश में कोरोना पॉजिटिव को भी मतदान की मंजूरी दी थी। उसके लिए शाम 6-7 बजे का समय तय किया गया था। वही अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने अपनी दोनों बेटियों के चेन्नई में वोटिंग की। वही जयललिता की सहेली और कुछ दिनों तक एआईएडीएमके की एक धरे की प्रमुख शशिकला वोट नहीं दे सकीं। बताया जाता है कि उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब था। मालूम हो कि आज तमिलनाडु के जो मुख्यमंत्री पलानी स्वामी हैं वह शशिकला की ही देन हैं। लेकिन उन्होंने शशिकला को कहीं का न छोड़ा। उनका वोटर लिस्ट में नाम तक नहीं रह सका।

234 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा में सत्ता और सरकार बनाने के लिए किसी भी गठबंधन को 118 सीटों की जरूरत पड़ेगी। यानी तमिलनाडु में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 118 है। तमिनलाडु में 6 करोड़ 26 लाख मतदाता हैं। पुडुचेरी की ही तरह यहां भी महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है।

इस चुनाव में भ्रष्टाचार एक अहम मुद्दा था। तमिलनाडु में आसमान छूती पेट्रोल की कीमत भी एक अहम मुद्दा था। और इस मुद्दे को डीएमके ने लपक लिया था। डीएमके ने कहा है कि वे पेट्रोल की कीमतों को टैक्स में कटौती करके कम करेगी।

वहीं दूसरी तरफ मौजूदा सरकार का नेतृत्व पलानीस्वामी कर रहे हैं। करुणानिधि की मौत के बाद डीएमके की कमान करुणानिधि के बेटे स्टालिन संभाल रहे हैं।