पर्यावरण में दिलचस्प कदम उठाती बरौनी डेयरी

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दूसरा मत

विश्व पर्यावरण दिवस पर बरौनी डेयरी में पौधा रोपण

देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. बरौनी डेयरी इन दिनों पर्यावरण में दिलचस्प कदम उठा रही है। डेयरी के प्रबंध निदेश सुनील रंजन मिश्रा के मुताबिक संघ में अत्याधुनिक ईटीपी संयंत्र की प्रतिस्थापना करने से वहिस्राव को मानक के अनुरुप उपचरित कर पानी को बागवानी, राइस हरक ब्वॉयलर एवं स्थानीय किसानों द्वारा सिंचाई में इस्तेमाल करने से संयंत्र के दैनिक जल उपयोग में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आई है। इसके साथ ही साथ बायोगैस रिएक्टर से निकलने वाले बायोगैस को हॉट वाटर जेनरेटर एवं गुलाब जामुन फ्रायर के लिए फ्यूल उपलब्ध कर परिचालन में सहायता मिल रही है। एलपीजी के स्थान पर बायोगैस के इस्तेमाल से फ्यूल के मद में लगभग तीन लाख रुपए मासिक तौर पर बचत हो रही है। इसके साथ ही साथ बायोगैस को पर्यावरण में घुलने या जलाने से रोककर पर्यावरण की रक्षा भी सुनिश्चित  की जा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि बरौनी डेयरी बिहार की प्रथम डेयरी है, जिसमें ईटीपी के बायोगैस को इस्तेमाल कर ब्वॉयलर हॉट वाटर जनरेटर का परिचालन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से पर्यावरण में राख उड़ने की समस्या से निजात मिली है। उन्होंने कहा कि बेगूसराय के बछवाड़ा एवं तारा ग्राम में तकरीबन एक सौ बायोगैस प्लांट की प्रतिस्थापना का काम तेजी से चल रहा है। इससे घरेलू उपयोग में एलपीजी पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया कि इन उपायों को मूर्त रूप देने में प्रभारी संयंत्र मोहम्मद हमीद उद्दीन, प्रभारी अभियंत्रण हरिशंकर त्रिपाठी एवं चारा विकास पदाधिकारी कुमार अंबुज सहित डेयरी के सभी पदाधिकारी, श्रमिकों की पूरी टीम का साझा प्रयास रहा है।

दूसरी तरफ बरौनी डेयरी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधा रोपण का किया गया। बरौनी डेयरी के प्रबंध निदेशक सुनील रंजन मिश्रा एवं भारतीय स्टेट बैंक बरौनी शाखा के प्रबंधक राकेश कुमार सहित विभिन्न पदाधिकारी एवं क्रमी मौजूद थे। इस मौके़ पर बरौनी डेयरी के प्रबंध निदेशक ने कहा कि वृक्ष ही जीवन के आधार हैं। हरियाली से ही आने वाली पीढ़ियों का जीवन सुखमय एवं सुरक्षित रखा जा सकता है। हमें इसे अपना कर्तव्यसमझना चाहिए और अधिक से अधिक पौधारोपण की कोशिश की जानी चाहिए।

इस मौके पर मोहम्मद हमीद उद्दीन, सतीष चंद्र शुक्ला, हरिशंकर त्रिपाठी, विमल चौधरी, रुपेश कुमार, डॉ. जितेन्द्र कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. रामाशंकर, मौनी कुमारी, अजय प्रसाद, वीरेंद्र महतो, राम मनोहर प्रसाद, रविचंद्र सिंहा, मोहम्मद गुलाम अशऱफ, भोला सिंह, शत्रुध्न चौधरी, शत्रुध्न यादव, शिवशंकर, एवं रविकांत दास आदि पदाधिकारी, कर्मी एवं श्रमिक आदि मौजूद थे।